चिराग,को झटका, पारस ही संसदीय,दल के नेता

चिराग पासवान को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस गोलगप्पा संसदीय दल का नेता बनाए जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिगड़ा के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दी न्यायाधीश रेखा पल्ली ने कहा कि याचिका में कोई आधार नहीं है अदालत ने कहा कि ऐसा लगता है कि आज का अपनी राजनीतिक लड़ाई को साधने के लिए दायर की गई है कोर्ट ने चिराग पासवान को चुनाव आयोग जाने को कहा याचिका सुनवाई योग्य नहीं वही लोकसभा अध्यक्ष की ओर से पेश हुई साॅलिसिटर,जनरल,तुषार मेहता, मेहता ने कहा कि आज का सुनाने योग नहीं है पार्टी के 6 सांसदों में से से पांच याचिकाकर्ता के साथ नहीं अगर पांच में एक कोई अदालत में आता है तो अदालत कैसे इस विवाद का निपटारा करेगी ऐसी विवादों की याचिका समीक्षा नहीं हो सकती है पशुपति पारस की तरफ से पेश वकील ने कहा कि जो पत्र पारस ने लोकसभा अध्यक्ष को दिया था उस समय पशुपति पारस पार्टी के चिप्स भीम थे और बाद में पार्टी के लीडर चुने गए थे कोई कोर्ट ने कहा कि आपको चुनाव आयोग जाना चाहिए हाईकोर्ट ने कहा कि विवाद की स्थिति में संसदीय दल के नेता के पद पर फैसला लेने का अधिकार लोकसभा अध्यक्ष को है ऐसे मामले में आदेश देने की जरूरत नहीं है चिराग पासवान की ओर से वकील एके वाजपेई ने दलील पेश करते हुए कहा कि चिराग पासवान को हटाकर पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता बनाया पार्टी संविधान के नियमों के खिलाफ है ऐसा फैसला सिर्फ पार्टी के संसदीय बोर्ड ले सकता है ऐसे में पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता नहीं माना जा सकता है 

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